जो सिर्फ मेरा होता , न कोई जिम्मेदारी, न कोई उलझन, न कोई रोकना टोकना होता, बिताती उन लम्हों को खुद के साथ, लिख देती लफ्ज़ो में अपने जज़्बात, जो नहीं कह पाती किसी से, कुछ अनकहे किस्से और कुछ अनकही बात, सुनती हवाओ की सरसराहट, महसूस करती मिट्टी की सौधी खुशबु, हाँ काश मिल पाता कोई पल, जो जीती मैं खुद के साथ। कोई ऐसा लम्हा होता... #ऐसालम्हाहोता #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi