अब हमारी मुकम्मल्त इश्क नहीं है इश्क का भी कोई मुकम्मल यह मुकाम होता है? अब तो हम भी कविता से कहानी पर आए नाते तेज ठंड से अब गर्म पानी पर आए उसकी याद में इतने ठिठु रे कि अब जुकाम होता है पूछता हूं इसका भी कोई मुकाम होता है अरे इश्क की बेगर्दी में मत उत्तर देखा है हमने इश्क का भी एक दुकान होता है देखा है हमने इश्क का भी एक दुकान होता है