White एक नया रिश्ता पनपता रहा, दिल कि जमीं पे इस तरह..! कि ज़िन्दगी जान-ए-मन, जवाँ दिलों पे निसार हो गई..! दो निगाहें उतर के दिल में, मिल कर गले जज़्बातों से..! एहसासों के समंदर में, मोहब्बत तैर के पार हो गई..! बचते रहे रचते हुए, लेखों को दिलबर जानी..! अनसुनी कहानियों में, ज़िन्दगी गुलज़ार हो गई..! सीमित थी ख़ुशियाँ, अधिक था ग़म यारों..! कम कर के मुश्किलें, सुखद ज़िन्दगी अख़्तियार हो गई..! ©SHIVA KANT(Shayar) #sad_quotes #EkNayaRishta