नजरे मिला के पलकों को झुका लेते हैं एक नजर में दीवाना बना लेते हैं चेहरे की मासूमियत बस दिखावा है एक पल में कत्ल करते हैं दूसरे पल हथियार छुपा लेते हैं कल जब वो मेरे साथ था ना जाने क्यों मे उदास था कल की फिकर में हम आज को मार देते हैं जिंदगी बस ऐसे ही गुजार देते हैं जिंदगी के बाद भी तो कुछ होता होगा अगर रूह है तो एहसास भी होता होगा कभी गुजरना मेरे घर के पास से एक हवा का झोंका तुम्हें बार-बार छूता होगा खुद को आजमाने से क्या फर्क पड़ता है दिल को समझाने से क्या फर्क पड़ता है एक तरफा मोहब्बत में दरिया पार जाने से क्या फर्क पड़ता है इस उम्मीद में शायद वो उस पार मिले हमको इस उम्मीद में शायद वो उस पार मिले हमको झूठी उम्मीद लगाने से क्या फर्क पड़ता है उसकी उम्मीद में जीना आसान है सच जहर हे सच जहर हे,, झूठ पीना आसान है उसका आना मेरा खयाल ही सही उसका आना मेरा खयाल ही सही, इस खयाल में जीना आसान है मैं अब तक नींद मे था उठ कर बैठा हूं कुछ लिखा है तुमको सुनाने बैठा हूं वह पुरानी ईमली और चाय की दुकान याद है तुमको वो कच्ची दीवार और गिरता मकान याद है तुमको नक्शा बना लिया मेने खुद को आजमाने बैठा हूं बस अब तुम आ जाओ बस अब तुम आ जाओ, मैं नया घर बनाने बैठा हूं कभी वो फिर शहर आए तो तालाब पर मिलेंगे नाराजगी कुछ भी नहीं बड़े अदब ओ आदाब से मिलेंगे पूछना है कि घोसला क्यों बदल लिया पत्ते हर साल झड़ते हैं तुमने पेड़ क्यों बदल लिया सावन की यह पहली फुवार है सुना है वो लौट आने को बेकरार है डी महफिल धीरज पांडे ©DHEERAJ PANDEY DMehfeel #DMEHFEEL #Shaayari #urdu #SAD #kavi #Sa #leftalone