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बढ़ती दूरियों को मजबूरियों का ना नाम दो, यूं घुट घ

बढ़ती दूरियों को मजबूरियों का ना नाम दो, यूं घुट घुट के मरने का मुझको यूं ना पैगाम दो, तुझको भूलने में कुछ वक्त तो लगेगा, शायद उस वक्त भी तेरा वक्त ना रहेगी,,, Mamta Singh Beraham jindgi
बढ़ती दूरियों को मजबूरियों का ना नाम दो, यूं घुट घुट के मरने का मुझको यूं ना पैगाम दो, तुझको भूलने में कुछ वक्त तो लगेगा, शायद उस वक्त भी तेरा वक्त ना रहेगी,,, Mamta Singh Beraham jindgi