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White मर चुका हूँ भीतर से न जाने कब का मैं, जिम्म

White  मर चुका हूँ भीतर से न जाने कब का मैं,
जिम्मेदारियों की बेड़ियों ने ज़िंदा दिखा रखा है..!
कोई अपना नहीं ज़माने में सब स्वार्थ का साथ है,
ज़हन में गहराई से अपने लिखा रखा है..!

©SHIVA KANT(Shayar)
  #sad_quotes #swarthiduniya