#NaveenMahajan और लिखा है तेरा नाम। देख लगा है पूर्ण विराम अहम को तजकर कर आराम बेहतरी का दे आभास शिखर बड़ा है ये बदमाश नीचे से जब शुरू करा देख तुझे ले आया ऊपर अंत रहेगा कहाँ खड़ा? ऊपर से जब शुरू करेगा तू है मानुष बड़ा भला एक बात समझ और कान लगा संभल संभल तू धीरज धर जब कुछ हो थोड़ा गड़बड़ एक एक कर सीढ़ी चढ़ जीवन का है नियम सरल इस बार काम कुछ और ही कर सीधी तो सारी पढ़ डालीं ये कविता तू उलटी पढ़ उलटी पढ़ बस उलटी पढ़ "सीढ़ी" seedhi #NaveenMahajan #TumBinIshqNahi