चुपचाप भी काँधे पे हाथ रख देते तो तसल्ली होती चुपचाप भी भर लेते आँखों में तो आँखें क्यों रोती चुपचाप ले लेते हाथ हाथों में तो हौसला बढ़ता चुपचाप लगा लेते सीने से तो धड़कने क्यों सिलतीं चुपचाप ही सुन लेते तो साँसें सुलगती क्यों भला चुपचाप! बर्फ़ सी ख़ामोशी से ज़ुबाँ क्यों जलती चुपचाप मेरी ज़ानिब बढ़ा देते हाथ बेसबब बिलावजह तो ज़िन्दगी हाथ बाँधे नज़रफ़रोश भला क्यों मिलती चुपचाप मुस्कुरा देते और उसमें ये चुप्पी न घुली होती चुपचाप इन सरगोशियों की ख़ामोशियाँ भली-भली होतीं #toyou #yqsilencevspeace #yqwater #yqwaves #yqstrangeplaces