फ़िक्र तो तेरी आज भी करते है हम, हां पर वो मुद्दा अलग है कि अब जिक्र नहीं करते। अक्सर उनसे ही पूछती हूँ तुम्हारी खैरियत, जिनसे तुम कहते हो कि हम तुम्हारी फिक्र नहीं करते। #fiqr