सोच रहा हूँ कि उसको बोल ही दु ये प्यार क्या होता हैं उससे महसूस करा दु या तो नफरत करेगी या प्यार करेगी दोनो ही सीरत में मुझे तो पसंद ही आएगी उम्मीद तो "हा" की हैं लेकिन "ना" भी ठीक होगी क्योंकि अपनी "ना" में भी वो तो खुश ही होगी सोच रहा हूँ कि उसको बोल ही दु लेकिन उससे बात करने की हिम्मत तो जुटा लू ये प्यार भी क्या खूब कमाल करता हैं मुझ जैसे जीरो को इस कविता का हीरो बनाता हैं ©Aditya Bhide AB's Poem #Stars