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वो मुझे ले जा रहे है अन्धेरे से उजाले की ओर घने अन

वो मुझे ले जा रहे है अन्धेरे से उजाले की ओर
घने अन्धेरे से होते हुए प्रकाश की ओर,
मेरा मार्गदर्शन करते हुए मेरा हाथ पकड़े हुए..
मै दोड़ता हुआ जा रहा हूं उनके साथ,
सुबह के 4 बजे करीब,मेरे प्रभू...
कोई नही यहां मुझे समझने वाला
कूंकी मै दुनिया को नई दिशा दिखाता हूं शायद
लोगो को उनकी असलियत समझाता हूं शायद
इसलिये वो मुझसे खुश है शायद,
अनुमान हुआ मुझे,यही शायद..!!

©Shreehari Adhikari369
  #उस दिन वो सुबह
# किस्से
shreehariadhikar2146

HARSHIT369

New Creator

#उस दिन वो सुबह # किस्से #प्रेरक

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