देश के लिए उसने अपना सब छोड़ दिया था और लौटा तो तिरंगा आसमान में लहराता उड़ा दिया था खुशहाली का कुछ समा बंध गया था तो थोड़ा गम की और भी मोड़ गया था कुछ भी रही बेरी ग़मो की धूमिल यादें आज हमारा हिंदुस्तान बहुत निखर गया था आज अम्बर से भी बारिश की बूंदों में फूलों सा मौसम बरस गया था ये धरा ये बहार ऐसे खिल गये थे ये खेत-खलिहान,ये बाग-बगियाँ सारे ऐसे चहक गये थे वो नभ के आजाद पंछी कुछ हद्द तक उड़ गए थे बंद पिंजरे के सारे ख़्वाब हकीकत में सँवर गये थे जो ठान के कदम रखे थे आग की जलती ज्वाला में वो सोना जलकर ऐसे मजबूत खूबसूरती में ढ़ल गया था खून-पसीने से कई जवानों की कुर्बानी से ये इंडिया अब भारत बन ही गया था जय हिंद🇮🇳 nojoto app#national independence डे special