भाग रहे हैं सबके संग नई गाड़ी, नया बंगला, नित नई खरीदारी, बिन एसी के बेबस होकर, कोसने चले सबको, जि़ न्दगी कर ली आसान एक क्लिक पर हुई बातें, दिग्दर्शन प्रिये का ओनलाइन शापिंग, बुकिंग और न जाने क्या क्या फिर भी आखों में चमक और चेहरे पर मुस्कान आ जाती है, यह कहते कि पहले जैसा न रहा कुछ भी! क्योंकि बचपन सबका उन किताबों की तरह होता है, जिनके पन्ने भले ही रंग बदल लें, अपनी खुशबू नहीं खोते।। ऐसी कौन सी चीज़ें हैं, ऐसे कौन से लोग हैं, ऐसी कौन से जगहें हैं जिन में वो पहले वाली बात नहीं। हल्की फुल्की आलोचना से सुधार की गुंजाइश बढ़ जाती है। Collab करें YQ Didi के साथ। #पहलेवालीबातनहीं #yqdidi #yqbaba #collab #YourQuoteAndMine