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White झुकी हुई नजरों को तुम नजाकत लिख देना मेरी खा

White झुकी हुई नजरों को तुम नजाकत लिख देना
मेरी खामोशी को दौर ए कयामत लिख देना।

रोता है दिल जिसको याद करके आज भी
मेरे प्यार की तुम उसे अमानत लिख देना।

दर्द को बयां करूं जब मे मुस्कराते हुए
उसी हंसी को तुम खुदा की इनायत लिख देना।

रह चलते चलते छूट जाए साथ तो
फरियाद में तुम मैरी शिकायत लिख देना।

खुशी के मारे बह जाए आंखों से अश्क
तो इन अदाओं को तुम मेरी आदत लिख देना।

अगर मोहब्बत में बन गया में मुजरिम तेरा
तो अपने लबो में तुम मेरी जमानत लिख देना।

तेरे इश्क में मंदिर में एक पुजारी हु में
उसी मोहब्बत का नाम तुम इबादत लिख देना

©Umrav Jat
  #कविता # दिल से
umravjat7935

Umrav Jat

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कविता # दिल से

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