ये बेजुबान दिल (अनुशीर्षक में पढ़ें) ये बेजुबान दिल ये बेजुबान दिल, अपनी कहने को सदा रहता आतुर है अपने जज़्बातों को, वो भांति-भांति से दिखाता है कोई चाहे ना करे उसकी परवाह,