वर्षोंं से एकत्र” किया धैर्य” से अपार, था जिस ‘प्रेम’ का ‘ज्वार’ ‘हृदय’ के उस क्षीण” रंध्र” में, उसने किया ऐसा ‘तीक्ष्ण’ ‘वार’ ; कि बाँध टूट गया... ? किंतु अब-होकर-अनियंत्रित”-प्रेम-नीर” अनवरत-अबाध-प्रवाहित-ये-क्षीर” #cinemagraph #धैर्य #हृदय #yourquotedidi #yourquotehindi #हिंदी #वार #प्रेम (क्षीणरंध्र) वर्षोंं से एकत्र” किया धैर्य” से अपार, था जिस ‘प्रेम’ का ‘ज्वार’ ‘हृदय’ के उस क्षीण” रंध्र” में, उसने किया ऐसा ‘तीक्ष्ण’ ‘वार’ ; कि बाँध टूट गया... ? किंतु