इन गेशुओं को खोलकर बाहों में झुला ले मुझे हूँ सदियों से जागा हुआ ,अब तो सुला दे मुझे कहती है कि भूल जाऊँ मैं तुझे,, चल मंज़ूर है फ़कत शर्त है दिल की ये,पहले तू भुला दे मुझे DR mehta ADhuRe Alfaaaaz... meri ZinDagi se