चढ़ा मेहंदी का रंग ऐसा, रंगा ये हाथ लगता है। लिखा जो नाम हाथों पर,गहरा साथ लगता है। फिजाएँ गा रहीं है ये तराना जो मुहब्बत का, बनूँ सीता मैं तेरी, तू मेरा रघुनाथ लगता है। ©Shweta Duhan Deshwal #महन्दी A G Birajdar Satish Manoj Mongia