White सागर की तरह मन मेरा बेकल, अशांत है | तिस पर भी कोई पास न कब से एकांत है | बन कर के कोई सरिता सी आके गिरे हृदय 2 अस्तित्व का शीघ्र ही समझो दिनांत है || ©कवि प्रभात #Sad_Status कविता कोश