मुद्दा नही जंग है जिसमे इंसानियत मर रही है। #शुक्रिया# एक लेखक जिस तरह ख़ुद पर नज़र रखता है उसी तरह देश, दुनिया एवं समाज पर भी उसकी गहरी नज़र होती है। कुछ दिनों से देखेंगे तो पाएँगे लगातार हमारे आस-पास ऐसी घटनाएँ घटित हो रही हैं जिसका प्रभाव हमारे भविष्य पर पड़ना लाज़मी है। ऐसे में एक लेखक होने के नाते इन घटनाओं का ज़िम्मेदारी से लेखा-जोखा लेना बहुत ज़रूरी है। क्या उचित है क्या अनुचित है, देश में होने वाली इन घटनाओं का गहराई से आंकलन कीजिये और एक टिप्पणी प्रस्तुत कीजिये। *आप अपनी पोस्ट में अपनी पसंद का हैशटैग भी लिख सकते हैं।