कैसे मान ले की उसकी यादें ख़ाक हो जाती है, उस जलते सिगरेट की तरह, उसके साथ बिताए हर पल राख हो जाती है, अगर ऐसा होता तो वो भी ख़ाक हो चुकी होती अब तक, बरसो से सिगरेट की तलब में वो भी राख हो चुकी होती अब तक...! ©Sunny कुमार #तलब #Sigreat #Lights