पक्षपात यदि पक्षपात नहीं होता तो धरा बड़ी न्यारी लगती... कोई भेद-भाव नहीं होता यहाँ प्रसन्न हर नारी लगती... कोई इर्ष्या भाव नहीं होता मन में कोई ज्वाला न पलती... सदैव योग्य मनुज विजयी होता, "हृदय" कोई अंतर्रात्मा नहीं रोती... यदि पक्षपात नहीं होता तो कहीं उत्कोचकता नहीं होती... -रेखा "मंजुलाहृदय" ©Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय" उत्कोचकता- घूसखोरी #WForWriters कवि राहुल पाल Pankaj Singh Ruchika Lipsita Palei