ए ग़ालिब .......... घमंड नही है मुझे खुद पर , क्योकि...... बहते रहना मेने इस समुंदर से सीखा है , डूबते हुए भी जो दूसरों को रोशन करदे... यही तो मेने सूरज से सीखा है। #thankyou everyone for your support #follow us for more #hidden shayar poet Lipsita Palei