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"पहली मुलाकात" शब-ए-गुलज़ार में आज हम तुम ही है,

"पहली मुलाकात"

शब-ए-गुलज़ार में आज हम तुम ही है,
हसीना अपने चेहरे से परदा तो हटाइए।

मैं भले ही बुरा हूं दुनिया की नज़र में, 
मुझे देख कर आप थोड़ा सा  मुस्कुराइए

बातें बहुत करनी है तुमसे और तुम करती हया,
ये पहला दिन है मोहतरमा बस हां में हां मिलाइए।

मिला हूं पहली बार किसी से मोहब्बत के लिए,
अब आप अपनी मोहब्बत का अहसास कराइए।

ज़ेहन में आए जो बात वो बोल दीजिए,
मैं अभी अकेला हूं अब यूं न घबरायिए। 

लगता है मन बना लिया मुझसे मोहब्बत करने का,
मेरे कहने पर हां या ना में सर तो हिलाइए।

खूबसूरती पे तेरे याद आई है एक‌ शायरी,
आप कहिए तो सही इरशाद, और फरमाइए।

हुश्न की तुम देवी हो मैं बस एक भिखारी हूं,
अब इतनी बातें की है तुमसे रीझ जाइए।

हिलोरें ले रहा है दिल, धड़कनें बढ़ रही हैं अब,
चलिए अब कुछ न सही तो हाथ तो मिलाइए।

लाया हूं अपना दिल तुम्हें देने के लिए आज,
बस फख्र से आप अपना हाथ आगे बढ़ाइए।

प्रसून श्रीवास्तव शायर
अयोध्या

©Prasoon Srivastava #prasoon_shayar #gazal #prasoon_srivastava #Prasoon_srivastava_ayodhya
"पहली मुलाकात"

शब-ए-गुलज़ार में आज हम तुम ही है,
हसीना अपने चेहरे से परदा तो हटाइए।

मैं भले ही बुरा हूं दुनिया की नज़र में, 
मुझे देख कर आप थोड़ा सा  मुस्कुराइए

बातें बहुत करनी है तुमसे और तुम करती हया,
ये पहला दिन है मोहतरमा बस हां में हां मिलाइए।

मिला हूं पहली बार किसी से मोहब्बत के लिए,
अब आप अपनी मोहब्बत का अहसास कराइए।

ज़ेहन में आए जो बात वो बोल दीजिए,
मैं अभी अकेला हूं अब यूं न घबरायिए। 

लगता है मन बना लिया मुझसे मोहब्बत करने का,
मेरे कहने पर हां या ना में सर तो हिलाइए।

खूबसूरती पे तेरे याद आई है एक‌ शायरी,
आप कहिए तो सही इरशाद, और फरमाइए।

हुश्न की तुम देवी हो मैं बस एक भिखारी हूं,
अब इतनी बातें की है तुमसे रीझ जाइए।

हिलोरें ले रहा है दिल, धड़कनें बढ़ रही हैं अब,
चलिए अब कुछ न सही तो हाथ तो मिलाइए।

लाया हूं अपना दिल तुम्हें देने के लिए आज,
बस फख्र से आप अपना हाथ आगे बढ़ाइए।

प्रसून श्रीवास्तव शायर
अयोध्या

©Prasoon Srivastava #prasoon_shayar #gazal #prasoon_srivastava #Prasoon_srivastava_ayodhya