कुछ राज़ अभी मंज़रे आम होना बाक़ी हैं। कुछ किस्से अभी तमाम होना बाक़ी हैं। ■■■ जिंदा हैं कुछ सांप अभी सियासत में इसलिए। कुछ और अभी क़त्लेआम होना बाक़ी हैं katl