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आज इश्क़ नहीं इंकलाब लिखूंगा, तेरे सूखे पे में आब

आज इश्क़ नहीं इंकलाब लिखूंगा,
तेरे सूखे पे में आब लिखूंगा।
पूछ अब किस पार्टी से हूं मैं,
आज तेरे सवालों का जवाब लिखूंगा।
पेट को रोटी, जिस्म को कपड़ा, एक नजर से,
मैं ऐसा वाला ख़्वाब लिखूंगा।
और उन शहीदों की याद में हूं आज मैं,
आज भगत सिंह वाला आज़ाद लिखूंगा।
तेरे पूंजीवाद वाले सूखे पे,
मैं "Socialist" वाली बरसात लिखूंगा।
कहां डरता हूं तेरी गोली, जेल "Sedition" से,
आज तो बस किताबों के पन्नों पे..
इंकलाब लिखूंगा, इंकलाब लिखूंगा।।
 #yqbaba 
#yqquotes 
#egalitariansociety 
#socialisticdemocraticequilibrium 
P.c #crimsondawn
आज इश्क़ नहीं इंकलाब लिखूंगा,
तेरे सूखे पे में आब लिखूंगा।
पूछ अब किस पार्टी से हूं मैं,
आज तेरे सवालों का जवाब लिखूंगा।
पेट को रोटी, जिस्म को कपड़ा, एक नजर से,
मैं ऐसा वाला ख़्वाब लिखूंगा।
और उन शहीदों की याद में हूं आज मैं,
आज भगत सिंह वाला आज़ाद लिखूंगा।
तेरे पूंजीवाद वाले सूखे पे,
मैं "Socialist" वाली बरसात लिखूंगा।
कहां डरता हूं तेरी गोली, जेल "Sedition" से,
आज तो बस किताबों के पन्नों पे..
इंकलाब लिखूंगा, इंकलाब लिखूंगा।।
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P.c #crimsondawn
sanaullahsabri9217

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