ऐसा भी एक पल आता है, विवेक विचलित हो जाता है, उस कल से वो कुछ नहीं ले पाता है एकत्र किया वह ज्ञान भी पल भर लंबित हो जाता है, तब असमंजस में लिया निर्णय साध जाता है, रुक कर जिसे इंतजार था रुत का, वो खुद ही आज ख्वाबों के रथ बनाता है..! #yqhindi #poetry #shayari #हिन्दी #कविता #msj #msjquotes #philosophy