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दोस्त कहते हैं मेरे चेहरे की चमक चली गयी जो झलकती

दोस्त कहते हैं मेरे चेहरे की चमक चली गयी
जो झलकती थीे मेरे लहज़े में रौनक चली गयी

मेरे  आंगन  में लगे फूल जो महकते थे
तुम्हारे जाने सेे उन फूलों की महक चली गयी

मेरी ग़लती थी अगर  माफ़ी माँग  लेता मैं
ज़रा सी बात पे तुम रूठके नाहक चली गयी।

--प्रशान्त मिश्रा

 "चली गयी"
दोस्त कहते हैं मेरे चेहरे की चमक चली गयी
जो झलकती थीे मेरे लहज़े में रौनक चली गयी

मेरे  आंगन  में लगे फूल जो महकते थे
तुम्हारे जाने सेे उन फूलों की महक चली गयी

मेरी ग़लती थी अगर  माफ़ी माँग  लेता मैं
ज़रा सी बात पे तुम रूठके नाहक चली गयी।

--प्रशान्त मिश्रा

 "चली गयी"

"चली गयी"