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अब तो इक बात जहन में हमारी रक्खो, जरूरत के हिसाब स

अब तो इक बात जहन में हमारी रक्खो,
जरूरत के हिसाब से ख़ुदा से यारी रक्खो,,

और हताश होकर बैठने से क्या होगा,,
हमेशा तफ़्तीश अपनी यूँ ही जारी रक्खो,,

भला यहाँ पर मेहमान कौन है त उम्र का,
कब दर छोड़ना पड़े, ज़रा होशियारी रक्खो,,

व बहुत सी ठोकरे मिली है सफ़र में मोहित,
तजुर्बा हम से लेकर फिर बात तुम्हारी रक्खो,,

ये दो मील का फासला तय तुम्हे ही करना है,
बस चलने की हमेशा तुम तैयारी रक्खो,,
                                 Mohit.•°● #Tafteeshjaari raakhi......

#Dullness
अब तो इक बात जहन में हमारी रक्खो,
जरूरत के हिसाब से ख़ुदा से यारी रक्खो,,

और हताश होकर बैठने से क्या होगा,,
हमेशा तफ़्तीश अपनी यूँ ही जारी रक्खो,,

भला यहाँ पर मेहमान कौन है त उम्र का,
कब दर छोड़ना पड़े, ज़रा होशियारी रक्खो,,

व बहुत सी ठोकरे मिली है सफ़र में मोहित,
तजुर्बा हम से लेकर फिर बात तुम्हारी रक्खो,,

ये दो मील का फासला तय तुम्हे ही करना है,
बस चलने की हमेशा तुम तैयारी रक्खो,,
                                 Mohit.•°● #Tafteeshjaari raakhi......

#Dullness