ज़रूरी नही, किया जाए हर गज़ल में हमारे नाम का ज़िक्र, कुछ निगाहों को बोलने दो खुश्बू बिखरी है आज फ़िज़ा मे तुम्हारी, चमन में रश्क को बोलने दो, कहकशाँ मे चमक रहे हो दरख्शंदा सितारे से, कायनात के नूर को बोलने दो करते है अब बस तुम्हारी ही बंदगी हम, तेरी तारिफ में कुछ खुदा को बोलने दो। ♥️ Challenge-987 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।