इस पर हैरानी नहीं है कि कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक से पहले गांधी परिवार के समर्थक नेता उसके बचाव में सामने आ गए यदि ऐसा चाटुकार नेताओं की चाली तो कांग्रेसमें बदलाव मुश्किल होगा और अगर ऐसा हुआ तो सरलता में ही जाएगी पांच प्रांतों के चुनाव नतीजे यह बता रहे हैं कि कांग्रेसका भविष्य की हर अंधेरे में है इसका कारण गांधी परिवार की रीति नीति पिछले लोकसभा चुनाव के बाद राहुल ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए अध्यक्ष पद छोड़ा था तो उसके साथ प्रियंका गांधी ने कहा था कि अब पार्टी का कमान परिवार के बाहर का कोई नेता संभालेगा लेकिन इसके बाद भी सोनिया गांधी अंतरिम अध्यक्ष बन गई तब से वह न केवल इस पद पर काबिल है बल्कि उन नेताओं की अनदेखी भी कर रही है जो नए अध्यक्ष के चुनाव की मांग कर रहे हैं इस माह की अनदेखी के पीछे उनकी चाहत है कि राहुल पर्दे के पीछे से पार्टी संस्कृत करते रहे और प्रज्ञा के साथ मिलकर सारे बड़े फैसले करते रहिए फैसले कांग्रेसका किसी तरह घर के नाम से पांच प्रांतों के नतीजे इसके पहले बंगाल असम और केरल के नतीजे में कांग्रेस की उम्मीदों पर पानी फेरा था गांधी परिवार पर लिखी इबारत पढ़ने को तैयार है ना ही पार्टी के और ना ही सोच से बाहर निकाल पा रहे हैं शासन उसका अधिकार नहीं ©Ek villain #कांग्रेस पार्टी को डूबाता का परिवार #adventure