जिंदगी में बेशक जिम्मेदारियों का शोर है फिर भी नजर मेरी देखती आशा की ओर है जितनी बार कोसू तुझे, तू मोका फिर नया देती है सपनो की पतंग मेरी फिर थामती नई डोर है! कैसे कहूं तुझे, तुझमें कुछ बाकी नहीं जिंदगी मेरे पिता के होने की बात कुछ और है!! #naresh.k #bepositve #Embrace life #fightagainstcorona