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अर्ध सत्य मैं ,अर्ध स्वप्न मैं, अर्ध निराशा, अर्ध

अर्ध सत्य मैं ,अर्ध स्वप्न मैं, अर्ध निराशा, अर्ध हूं आशा, अर्ध अजीत  और अर्ध जीत हूं,
अर्ध तृप्त हूं, और अर्ध अतृप्त हूं, अर्ध पिपासा,और अर्ध प्रकाश हूं।

जैसे शिव है अर्ध बिन गौरा के,
जैसे राम अर्ध है बिन सिया के ।
जैसे श्याम अर्ध है बिन राधा के,
हर पुरूष अर्ध है बिन प्रकृति (नारी) के।।

आधी काया आग तुम्हारी,
आधी काया पानी,
बस इतनी सी है मेरी ज़ुबानी
तुम न होते तो क्या लिख पाता आज मैं कहानी??

©Prakash Dwivedi #happywomensDay #womensdayspecial  #womensdaypoetry #prakashdwivedipoetry #prakashdwivedi 


#Love  Shikha Vishwakarma Jyoti Dhanwani Vaishali Chauhan shamiya Khan meesh...
अर्ध सत्य मैं ,अर्ध स्वप्न मैं, अर्ध निराशा, अर्ध हूं आशा, अर्ध अजीत  और अर्ध जीत हूं,
अर्ध तृप्त हूं, और अर्ध अतृप्त हूं, अर्ध पिपासा,और अर्ध प्रकाश हूं।

जैसे शिव है अर्ध बिन गौरा के,
जैसे राम अर्ध है बिन सिया के ।
जैसे श्याम अर्ध है बिन राधा के,
हर पुरूष अर्ध है बिन प्रकृति (नारी) के।।

आधी काया आग तुम्हारी,
आधी काया पानी,
बस इतनी सी है मेरी ज़ुबानी
तुम न होते तो क्या लिख पाता आज मैं कहानी??

©Prakash Dwivedi #happywomensDay #womensdayspecial  #womensdaypoetry #prakashdwivedipoetry #prakashdwivedi 


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