मैं तो तुम्हारे गमले के उस पौधे की तरह हूं जिसको हर पल छूती है तेरे ख्वाबों की तितलियां तितलियों को कुछ मिले ना मिले हर स्पर्श मुझ पर गिराता बिजलियां।। ©Mohan Sardarshahari ख्वाबों की तितलियां