बेदर्द ज़िन्दगी से शिकायतें बहुत है मौत से गिला एक भी नही, तुझे याद करने के बहाने बहुत है भुला देने का एक भी नहीं,, सवालों में खमोश बहुत हूं मगर खामोशी का जवाब एक भी नही,, इश्क़ की खताओ में जलाए बहुत है मेरे पास खत बाकी एक भी नही,, महोब्बत के किस्सों की झूठी किसमे बहुत है सच्ची कसम एक भी नहीं,, मेरे यूँ क़बिल तो बहुत होंगे मगर मुझे तेरा बिना कबूल एक भी नही,, #nojoto #december