मैं प्यार में नहीं हूं मैं इकरार में नहीं हूं मैं आस्था में नहीं मैं विश्वास में नहीं हूं मैं जल में नहीं मैं कल में नहीं मैं समंदर की गहाइयों में नहीं मैं नदी के किनारों में नहीं हूं बस इतना मालूम है मुझको के मैं किसी के प्यार में नहीं हूं।। प्यार में नहीं हूं।।। तो कौन हूं मैं?