यू सजते सवरते, मैंने तुझको देखा है, तेरी हाथों में, मेरी ही, लकीरे है क्या करोगे तुम फिर आ कर, अभी, तेरी बातों से ही मैंने दुनियां को देखा हैं लगी मुझको ऐसी प्रेम की तृष्णा, यू खुद को अंगारों पे चलते मैने, देखा हैं।। ©Prakhar Tiwari यू सजते सवरते, मैंने तुझको देखा है, तेरी हाथों में, मेरी ही, लकीरे है क्या करोगे तुम फिर आ कर, अभी, तेरी बातों से ही मैंने दुनियां को देखा हैं लगी मुझको ऐसी प्रेम की तृष्णा, यू खुद को अंगारों पे चलते मैने, देखा हैं।। #dost