नया-पुराना कशिश जो इन्तज़ार में थी वो कशिश वक़्त में कही पीछे रह गई अब इन्तजार कौन करे ये किसको है गवारा अब उंगलियां घर है पल पल के खबर की वो चिट्ठी-पत्री भी न जाने क्या सोचता होगा बेचारा सीमट गाई है दुनिया अब मुट्ठियों में वो ज़माना हुवा अब पूराना नया जमाना है अतरंगी है फ़साना ! ©gudiya #Nojoto #nya purana #नया -पुराना #Twowords