एक खयाल आया, और आते - आते रह गया, हमने बोतल उठाई, और ग्लास किनारे रह गया, एक यार था मेरा, जो जान छिड़कता था मुझपर, एक जमाना था वो, जो बस याद आकर रह गया ।। ©सूर्यांश गर्ग #uskaintezaar #dost #yadd