जब सभी चल दिए छोड़ कर साथ तू ने दिया ज़िन्दगी ख़ाब सब बेच कर बाप ने फिर सबर कर लिया ज़िन्दगी रात दिन झूमता ही रहा जाम ऐसा पिया ज़िन्दगी लिख लिया रो लिया सो गया रोज़ ऐसे जिया ज़िन्दगी नाम है शायरों में मिरा ये भला क्या किया ज़िन्दगी जब सभी चल दिए छोड़ कर साथ तू ने दिया ज़िन्दगी ख़ाब सब बेच कर बाप ने फिर सबर कर लिया ज़िन्दगी रात दिन झूमता ही रहा जाम ऐसा पिया ज़िन्दगी