अब क़र्ज़ इश्क़ का वो चुकाया न जाइगा दाग़-ए-जिगर कभी भी मिटाया न जाइगा हँसने को कह रहे हैं सभी आशना मिरे हँसना तो छोड़िए मुस्कराया न जाइगा रिश्ते बिगाड़ कर वो मिरे बस ये कह गये रिश्ता ये प्यार का अब निभाया न जाइगा मुझसे करो मुहौबत तो इतना ख़्याल हो मुझ से उजाड़ दिल ये सजाया न जाइगा इक दीप जल रहा है मगर दिल में इश्क़ का तेरी कसम कभी वो बुझाया न जाइगा 'सैफ़ी' भुला रहे हो तुम जिसको शराब से सुन लो शराब से वो भुलाया न जाइगा 2212 1221 2212 12