किसी की यादों मे हम तन्हा पड़े हैं, किसी की चाहत में हम दुनिया से लड़े हैं। हम उसे चाहते हैं कुछ इस कदर,जिन्दा रहकर भी बेजान पड़े है। मन कहीं रहता है,धड़कन कहीं रहता है,यादों की रूश्वाई में ये हर दर्द सहता है, एक दिन उसे पाने का अरमान हैं, जिंदा रहकर भी बेजान है। # मेरी कल्पना