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"बदलता वक़्त" Part-1 जब बदलता है

"बदलता वक़्त"
                Part-1

जब बदलता है वक़्त, तो अपने भी बदल जाते है,
कुछ नज़रे चुराने लगते है, तो कुछ झगड़ के बिछड़ जाते है।

"इक धागे से निकल कर, वो दूर चले जाते है,
समुंदर की गहराई में, मोतियां बन बिखर जाते है।
कभी कसमें खाते थे, मगर आज उसी कश्मकश में उलझ जाते है,
अजीब से होते है ये "रिश्ते", जो समय के साथ बदल जाते है।"

जब बदलता है वक़्त तो अपने भी बदल जाते हैं,
कुछ नज़रे चुराने लगते है, तो कुछ झगड़ के बिछड़ जाते है,
जब बदलता है वक़्त तो अपने भी बदल जाते है।

© Chaudhary_manish #Badalta waqt....
To be continued very soon....
I hope guys you like this poem....
#nojotofriends...
#nojotohindi #nojotolovers
#nojotowriters....
"बदलता वक़्त"
                Part-1

जब बदलता है वक़्त, तो अपने भी बदल जाते है,
कुछ नज़रे चुराने लगते है, तो कुछ झगड़ के बिछड़ जाते है।

"इक धागे से निकल कर, वो दूर चले जाते है,
समुंदर की गहराई में, मोतियां बन बिखर जाते है।
कभी कसमें खाते थे, मगर आज उसी कश्मकश में उलझ जाते है,
अजीब से होते है ये "रिश्ते", जो समय के साथ बदल जाते है।"

जब बदलता है वक़्त तो अपने भी बदल जाते हैं,
कुछ नज़रे चुराने लगते है, तो कुछ झगड़ के बिछड़ जाते है,
जब बदलता है वक़्त तो अपने भी बदल जाते है।

© Chaudhary_manish #Badalta waqt....
To be continued very soon....
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#nojotohindi #nojotolovers
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