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चाहत अधूरी, उम्मीद पूरी जाने कैसा दौर आ गया। चाहा

चाहत अधूरी, उम्मीद पूरी
जाने कैसा दौर आ गया।
चाहा जिसे, मिला नहीं वो
जाने कोई और आ गया।
न सोचा कभी,न चाहत की
पर ऐसा भी ठौर आ गया।
ख़ुद से ख़ुदी दूर हो रहा हूँ
क्यों ऐसा ये दौर आ गया। #chahtein
चाहत अधूरी, उम्मीद पूरी
जाने कैसा दौर आ गया।
चाहा जिसे, मिला नहीं वो
जाने कोई और आ गया।
न सोचा कभी,न चाहत की
पर ऐसा भी ठौर आ गया।
ख़ुद से ख़ुदी दूर हो रहा हूँ
क्यों ऐसा ये दौर आ गया। #chahtein