कैसी ये उदासी है जो छीन रही मुस्कान, जीवन को ज़हन्न

कैसी ये उदासी है जो छीन रही मुस्कान,
जीवन को ज़हन्नुम बनाता तनाव का क़ब्रिस्तान..!
घर है डर का मर मर के यूँ जीना,
ख़ुशियाँ का डेरा भी एक दिन होगा मेहरबान..!

©SHIVA KANT
  #udasiyan
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