दरवाज़ा वक्त ने किया हमपे ये कैसा सितम, दरवाजा खुला था बरसो से और खड़े थे हम! राह मिली है जो मंजिल तक को जाएगी, अब रूकना है वहाँ जब लेंगे आखरी दम!! ©Saurav Das #वक्त #सितम #दरवाजा #बरसों #खड़े #आखरी #दम #WForWriters