DHER मेरे इश्क का सफर कुछ इस कदर रहा मंजिल था जो शक्स, वहीं सफर से बेखबर रहा मैं, मेरा दिल, ये आंखें, सब पराए निकले मौत भी मेरी न हो सकी ये जहर भी बेअसर रहा Ishq ka Safar by sujeet kumar Yadav (DHER)