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गहराए रात जब ठण्डी,मन भी ये मचलता है। पवन भी तेज ब

गहराए रात जब ठण्डी,मन भी ये मचलता है।
पवन भी तेज बहती है,लगे हमको,कुचलता है।।
ठिठुराती तन,यह सबकी,हृदय जोरों धड़कता है।
नुकीले दाँत हैं इसके,सभी जनमन,कड़कता है।।

©Bharat Bhushan pathak
  #astrology 
गहराए रात जब ठण्डी,मन भी ये मचलता है।
पवन भी तेज बहती है,लगे हमको,कुचलता है।।
ठिठुराती तन,यह सबकी,हृदय जोरों धड़कता है।
नुकीले दाँत हैं इसके,सभी जनमन,कड़कता है।।

#astrology गहराए रात जब ठण्डी,मन भी ये मचलता है। पवन भी तेज बहती है,लगे हमको,कुचलता है।। ठिठुराती तन,यह सबकी,हृदय जोरों धड़कता है। नुकीले दाँत हैं इसके,सभी जनमन,कड़कता है।। #Poetry

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