नादान बच्चों के साथ यारी थी, सच्च बताऊं जिन्दगी में बड़ी खुशहाली थी। दिमाग़ वालों से यारी करने की कोशिश की, उन्हें कहाँ हमारी वो खुशी राज आनी थी। दिमाग़ वालों को छोड़, फिर से उन नन्हे दोस्तों के साथ जिना चाहता हूँ। जैसे पहले मुस्कराता था, फिर से उसी मुस्कान के साथ,खुशहाल जिन्दगी को जीना चाहता हूँ। ©आकाश भिलावली वाला #नन्हे दोस्त