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आए थे तेरे घर में एक मेहमान से हम *मंसूब हो सके ना

आए थे तेरे घर में एक मेहमान से हम
*मंसूब हो सके ना तेरे मेजबान से हम//१
                       
वो घर था अंकरीब गुजिश्ता बरस
*बेजार लौट आए इस दफा तेरे मकान से हम//२
                          
यूँ बे-रुख़ी से पेश न आ अहल-ए-दिल के साथ, 
उठ कर चले न जाएँ कहीं,तेरे इस जहान से हम//३

ये तेरी*सरकशी असल में जुल्म है*मजलूम पर,करते है
 हिफाजत अपने इमान की यूं ना चले जाए कहीं ईमान से हम//४
                          
मिलते हैं रोज़ जीस्ते उम्र से पयामें-गम
के अपनो से ऐसे करीब है जैसे हासिले*कूर्ब*ज़िंदान से हम//५

"शमा"अदब के*मोहतसिब लाइल्म है शायद,
        क्या काम ले रहे हैं*तग़ज़्ज़ुले फ़न हमजुबान से हम//६                                     *

©shamawritesBebaak_ #Nojotostreak आए थे तेरे घर में एक मेहमान से हम*मंसूब हो सके ना तेरे मेजबान से हम//१
*जान पहचान

वो घर था अंकरीब*गुजिश्ता बरस*बेजार लौट आए इस दफा तेरे मकान से हम//२
*बीता कल*परेशान हाल 

यूँ बे-रुख़ी से पेश न आ अहल-ए-दिल के साथ, 
उठ कर चले न जाएँ तेरे इस जहान से हम//३

#NojotoStreak आए थे तेरे घर में एक मेहमान से हम*मंसूब हो सके ना तेरे मेजबान से हम//१ *जान पहचान वो घर था अंकरीब*गुजिश्ता बरस*बेजार लौट आए इस दफा तेरे मकान से हम//२ *बीता कल*परेशान हाल यूँ बे-रुख़ी से पेश न आ अहल-ए-दिल के साथ, उठ कर चले न जाएँ तेरे इस जहान से हम//३ #nojotohindi #shamawritesBebaak #NojotoWritingPrompt

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